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केवल 3 दिन में बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय हिंदी में - बवासीर का घरेलु उपचार

बवासीर एक ऐसी बीमारी जो कि बेहद तकलीफदेह होती है, इसमें होने वाले दर्द से रोगी व्याकुल हो उठता है, बवासीर दर्दनाक होने के अलावा शर्मनाक बिमारी मानी जाती है क्योंकि अक्सर लोग बवासीर होने पर दूसरों को बताने से शर्माते हैं, इसी समस्या से निपटने के हमने आपके लिए बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय इस पोस्ट में साझा किया है. 

इसके अलावा इस पोस्ट में आप यह भी जानेगे कि बवासीर के लक्षण क्या होते हैं, और बवासीर किस कारण होती है?, इसके साथ ही बवासीर कितने प्रकार के होते हैं जैसी सभी जरूरी जानकारी आप इस पोस्ट में जानने वाले हैं. 

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आंकड़ों के अनुसार 60 फीसदी लोगों को उम्र के किसी न किसी पड़ाव में बवासीर की समस्या ज़रूर होती है, इसमें रोगी को सही समय पर इलाज कराना और सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि यदि रोगी इसका सही समय पर इलाज नहीं कराये तो समस्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

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बवासीर के लक्षण हिंदी में - बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय

बवासीर के शुरुआती लक्षण : बवासीर यदि गंभीर अवस्था में ना पहुंची हो तब तो यह लगभग एक हफ्ते में बड़े ही आसानी से ठीक हो जाती है, लेकिन अगर ज्यादा समय हो गया है, तब इसके और ज्यादा बढ़ने में निम्न लक्षणों को देखा जा सकता है, जैसे  -


  • गुदा द्वार के आस-पास कठोर गांठ जैसा महसूस होना.
  • शौच करने के बाद भी पेट साफ ना होने का आभास होना.
  • शौच करते समय लाल चमकदार खून का आना.
  • शौच के समय अत्यधिक पीड़ा होना.
  • गुदा द्वार के पास खुजली-खारिश, सूजन तथा लालपन का होना.
  • बार बार शौच को जाने की इच्छा होना लेकिन मलत्याग करने पर मल का ना निकलना.

 

यदि आपमें भी ये लक्षण हैं, तो आप इनको बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ ना करें और जितना जल्दी हो सके आपको किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाकर बवासीर का इलाज कराना चाहिए.

बवासीर किस कारण होती है - बवासीर होने के कारण क्या है?

बवासीर या पाइल्स होने की सबसे बड़ी वजह कब्ज को माना गया है, आयुर्वेदों के अनुसार यदि कब्ज को दूर कर दिया जाए तो बवासीर जैसी समस्या बनने के चांस काफी हद तक कम हो जाते हैं, चूँकि जिन लोगों के पेट में अक्सर कब्ज़ रहती है उन्हें मल त्याग करते समय जोर लगाने की आवश्यकता पड़ती है, और इसी कारण से बवासीर का जन्म होता है.

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बवासीर एक ऐसी तकलीफदेह बीमारी जिसमें कि गुदा या एनस के अंदरूनी व बाहरी हिस्सों की शिराओं में सूजन आ जाती है, इसकी वजह से गुदा द्वार के अंदरूनी हिस्से और बाहरी हिस्से में कुछ मस्से यानि गांठे जैसी बनने लगती हैं, जिनमें से मल त्यागते समय खून निकलता है, और भयंकर पीड़ा होती है.

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जोर लगाने पर कभी-कभी ये मस्से गुदा से बाहर भी आ जाते हैं, ऐसा माना जाता है कि यदि परिवार में किसी व्यक्ति को बवासीर की समस्या है, तो आगे आने वाली उसकी पीढ़ी में इस समस्या के होने की आशंका ज्यादा हो जाती है.


बवासीर कितने प्रकार के होते हैं? - बवासीर के प्रकार

बवासीर एक भयानक रोग है, जिसको निम्न दो प्रकार के नामो से जाना जाता है -

  1. खूनी बवासीर
  2. बादी बवासीर

1. खूनी बवासीर - खूनी बवासीर क्या है?

खूनी बवासीर में किसी प्रकार का दर्द नहीं होता है, बल्कि इसमें मल त्यागते समय खून आता है, खूनी बवासीर में गुदा के अंदर मस्से हो जाते हैं, जिनमे से मलत्याग के समय खून टपकता है, जो कि कभी-कभी पिचकारी के रूप में भी आने लगता है.

बवासीर के इस रूप में जब रोगी मल त्याग लेता है उसके बाद मस्से गुदा में वापस चले जाते हैं, लेकिन अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो ऐसी स्थति में यह मस्से हाथ से करने पर भी अंदर नहीं जाते हैं, यदि अगर आप ऐसी स्थति का सामना कर रहे है, तब आपको बिना समय गंवाए डॉक्टर से सलाह लेकर जल्दी खूनी बवासीर का इलाज कराना चाहिए. 


2. बादी बवासीर - बादी बवासीर क्या है?

बादी बवासीर में रोगी को मलत्यागते समय असहनीय पीड़ा होती है, इस बवासीर के मस्से गुदा द्वार पर ही होते हैं, जिनको बाहर से आसनी से देखा जा सकता है, इन मस्सो के कारण से गुदा द्वार बंद हो जाता है, जिससे रोगी को मल त्यागने में बहुत तकलीफ होती है, इन मस्सों में बार-बार खुजली एवं जलन भी होती है.

शुरुआती अबस्था में यह ज्यादा तकलीफ नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ्य खान-पान और कब्ज़ के चलते यह फूल कर बड़े हो जाते हैं, इसमें रोगी को बैठने से तकलीफ होती है, चूँकि यह बवासीर का बाहरी रूप होता है, जो की बैठने के कारण होने वाले दबाब से दर्द का कारण बनता है, सही डॉक्टर से बादी बवासीर का इलाज कराने और इसके साथ परहेज करने से यह समस्या बिल्कुल ठीक हो जाती है.

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बवासीर का रामबाण आयुर्वेदिक इलाज - बवासीर का घरेलू उपाय इन हिंदी

बवासीर बीमारी से पीड़ित रोगी आमतौर पर घर में या दोस्तों को बताने में शर्म महसूस करते हैं, लेकिन हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह बीमारी उन बिमारियों में से बिल्कुल नहीं है जो कि अपने आप ठीक हो जाये बल्कि इसके विपरीत ये और भी बदतर रूप ले लेती है.

 

तो जितना जल्दी हो सके आपको बवासीर का इलाज जल्द से जल्द कराना चाहिए, बवासीर रोगी को प्रभावी परिणाम एवं बिना किसी साइड इफेक्ट का इलाज करने के लिए हमारे द्वारा बताये गए निम्नलिखित बवासीर के घरेलू उपाय अपना सकते हैं, और इस बवासीर नामक शर्मनाक बीमारी से अपना पीछा छुड़ा सकते हैं. 

बवासीर का घरेलु उपचार करने के लिए आप इन 5 घरेलु नुस्खों का इस्तेमाल कर सकते हैं-

1. एलोवेरा - एलोवेरा से बवासीर का इलाज

एलोवेरा में ग्लाइकोप्रोटीन मौजूद होता है जो कि बवासीर से होने वाले दर्द एवं सूजन को कम करने में मदद करता है, इसके साथ ही इसमें पॉलीसेकेराइड भी पाया जाता है, जो कि संक्रमित त्वचा को ठीक करने का काम करता है.

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ग्लाइकोप्रोटीन व पॉलीसेकेराइड ये दोनों मिलकर गुदा क्षेत्र में हुए संक्रमण से लड़ते हैं, जब एलोवेरा जेल का गुदा क्षेत्र पर लेप किया जाता है, तो यह ठंडा और एंटीसेप्टिक प्रभाव प्रदान करता है, साथ ही इसमें होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में भी सहायक होता है.


एलोवेरा जेल का उपयोग कैसे करें : - इसके लिए आपको नेचुरल एलोवेरा लेकर उसमे से जेल को अलग कर लेना है, लेकिन ध्यान रहे यह सब करने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धूल लेना है, इसके बाद एलोवेरा से प्राप्त जेल को संक्रमित स्थान पर लेप कर लें, ऐसा नियमित रूप से करने पर आपको आराम काफी मिलेगा.

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2. हल्दी - हल्दी से बवासीर का इलाज

बवासीर को नियंत्रित करने में हल्दी रामबाण काम करती है, यूँही नहीं हल्दी को औषधीय गुणों की खान कहा जाता है, शोध से प्राप्त जानकारी के अनुसार हल्दी में करक्यूमिन तत्व मौजूद होते हैं करक्यूमिन तत्वों की मौजूदगी इसके गुणों को बढ़ाती है.

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इसके अलावा हल्दी एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल,एंटीसेप्टिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटिकार्सिनोजेनिक और एंटीबायोटिक गुणों का भण्डार होती है, और ये सारे गुण हल्दी को बवासीर के इलाज के लिए उपुयक्त बनाते हैं.


हल्दी का बवासीर में उपयोग :- इसके लिए आपको 1 चम्मच हल्दी पाउडर लेना है "लेकिन ध्यान रहे कि हल्दी आपके घर की पिसी होनी चाहिए नाकि बाजार की" हल्दी पाउडर को किसी बाउल में लेकर उसमे 2-3 चम्मच देसी घी मिला कर दोनों अच्छे से मिक्स करके एक मिश्रण बना लेना है, अब इस मिश्रण को आप अपने बवासीर वाले स्थान पर लगा सकते हैं.

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3. नारियल के छिलके - नारियल के छिलके से बवासीर का इलाज

नारियल के छिलके यानि जटायें दिखने में तो ये कचरे जैसी लगती हैं, पर क्या आप जानते हैं इन जटाओं से बवासीर में कितना आराम होता है, आयुर्वेद के अनुसार नारियल के छिलकों को बवासीर के इलाज की रामबाण औसधि माना जाता है, यदि आपको बवासीर की परेशानी है और आपको बवासीर का इलाज कराने पर भी फायदा नहीं हो रहा है.

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तब आपको इस रामबाण औसधि का जरूर सेवन करना चाहिए, और इसका सेवन खुनी-बादी दोनों प्रकार की बवासीर में आप कर सकते हैं, आयुर्वेदों के अनुसार नारियल की जटाओं का प्रयोग करने से रोगी को पुरानी से पुरानी बवासीर में लगभग एक हफ्ते में आराम हो सकता है, यदि वह सही से इसका सेवन और परहेज़ करे तो.

इसके शुरुआती इलाज से मात्र एक ही दिन में बवासीर में हो रहे रक्तस्राव में रुकाबट हो जाती है, और ये सबसे सस्ता और आसान घरेलु उपाय है, जिसको कोई भी आसानी से कर सकता.


नारियल की जटा का उपयोग :- इसके लिए आपको लगभग 100 ग्राम नारियल की जटा लेकर उनको माचिस से जला कर भस्म बना लेना है, फिर इस भस्म को किसी शीशी में भरके रख लें इसके बाद एक चम्मच भस्म को एक ग्लास ताजे मट्ठे के साथ नियमित रूप से करीब एक से दो हफ़्तों तक सेवन करने पर आपको इस बीमारी से मुक्ति मिल सकती है.

4. नीम की पत्ती - नीम की पत्ती से बवासीर का इलाज

नीम की पत्तियां बवासीर रोगियों के लिए किसी बरदान से कम नहीं होती, क्योंकि इसमें एंटी बैक्टीरियल, सूजनरोधी और दर्द निवारक गुण मौजूद होते हैं, जो कि बवासीर को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखते हैं, इनका सेवन करने से रोगी के मस्सों एवं इसमें हो रहे दर्द से राहत मिलती है, इसके अलावा इसमें होने वाले बैक्टीरियाओं का अंत करके रोगी को आराम प्रदान करती हैं. 

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यदि आपके पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उत्पादन अधिक होता है, तो ऐसे में आपको नीम की पत्ती का सेवन ज़रूर करना चाहिए, चूँकि इसके सेवन से हाइड्रोक्लोरिक एसिड की सांद्रता कम हो जाती है, जिससे का पाचन होने में आसानी होती है, और कुछ ही दिनों तक नियमित रूप से सेवन करने पर यह पेट में होने वाले कब्ज को रोककर बवासीर के लक्षणों को बढ़ने से रोकती हैं.


नीम की पत्ती का बवासीर में उपयोग : - इसके लिए आपको लगभग 25 से 50 ग्राम नीम की ताज़ा  पत्ती लेकर उनको बारीक करके पीस लेना है, पीसने के बाद बने लेप को बवासीर के मस्सों पर लगाना है, इसका दूसरा उपयोग कुछ इस प्रकार से भी कर सकते हैं- नीम की पत्तियां लेकर उनको कूट लें, फिर किसी बारीक कपडे में छानकर रस अलग निकाल लें इसके बाद इस रस को बाहरी मस्सों पर लगा सकते हैं.

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5. शीशम की पत्ती - शीशम के पत्ते से बवासीर का इलाज

बैसे तो शीशम को अनेकों दवाओं के रूप में जाना जाता रहा है, लेकिन हम आपको बता दें कि यह बवासीर जैसी खतरनाक बीमारों को जड़ से खत्म करने का घरेलु नुस्खा भी है, ऐसा माना जाता है कि शीशम की पत्ती के काढ़े का सेवन करने से पुरानी से पुरानी बवासीर में भी राहत मिल जाती है.

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शीशम की पत्तियों से निकलने वाला चिपचिपा पदार्थ कई रोगों के उपचार के लिए हमारे पूर्वजों के दौर से इस्तेमाल होता रहा है, दरअसल शीशम एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है इसलिए इसका सेवन करने से बवासीर में आराम होता है.

 

बवासीर में शीशम के पत्ते का उपयोग  :- इसके लिए आप लगभग 50 ग्राम शीशम के कोमल पत्ते लेकर उनका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं, ऐसा लगभग एक से दो हफ़्तों तक नियमित रूप से सेवन करने पर आपको बवासीर में लाभ मिल सकता है.

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) - Piles diet chart in hindi

Question 1 : बवासीर में तुरंत आराम के लिए क्या करें?

Answer : बवासीर में सेब का सिरका तुरंत आराम प्रदान करता है, इसके लिए आप एक चम्मच सेब का सिरका लेकर उसको एक ग्लास पानी में मिलाकर पी सकते हैं.


Question 2 : कोलगेट से बवासीर का इलाज?

Answer : बिना किसी डॉक्टर से परामर्श किये आपको ऐसे वैसी चीजों का बवासीर में बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए चूँकि ऐसी चीजों से समस्या खत्म के बजाय बढ़ सकती है.


Question 3 : बवासीर को जड़ से खत्म कैसे करें?

Answer : बवासीर को जड़ से खत्म करने से पहले आपको अपने पेट के रोगों को ठीक करना होगा, उसके बाद आप किसी अच्छे सलाहकर (डॉक्टर) से परामर्श लेकर इसका इलाज कराना चाहिए, या फिर हमारे द्वारा बताये गए घरेलु नुस्खों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.


Question 4 : बवासीर में कौन सी सब्जी खाएं?

Answer : बवासीर के रोगियों को ज्यादा फाइबर बाली सब्जियों का सेवन करने के लिए कहा जाता है जैसे कि - ब्रोकोली, गोभी, गाजर, फूलगोभी और टमाटर आदि.


Question 5 : बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं? 

Answer : हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बवासीर के रोगी दूध का सेवन कर तो सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे दूध को बिना उबाले ही सेवन करना है, ज्यादातर बवासीर के चांस में दूध को मना किया जाता है, चूँकि यह पेट में कब्ज़ बनाता है.


Question 6 : बवासीर में मीठा खाना चाहिए या नहीं?

Answer : जी हाँ बवासीर में आप मीठा खा सकते हैं लेकिन ज्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए.


Question 7 : बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं? 

Answer : बवासीर के रोगी को सफेद चावल की जगह ब्राउन चावल का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इस बिमारी में भूरे रंग के चावल (Brown Rice) का सेवन अधिक फायदेमंद माना जाता है.


Question 8 : बवासीर में घी खाना चाहिए या नहीं?

Answer : बवासीर के मरीज को घी या इससे निर्मित चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए, इसके अलावा रोगी को खाने में ज्यादा घी अथवा तेल की मात्रा का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इनके सेवन समस्या और ज्यादा बढ़ा सकते हैं.

Question 9 : बवासीर में नमक खाना चाहिए या नहीं ?

Answer : जी हाँ बवासीर में नमक का इस्तेमाल खाने में डालकर किया जा सकता है, लेकिन अगर आपको ज्यादा तेज़ नमक खाने की आदत है, तब आपको इससे बचने की ज़रूरत है.


Question 10 : बवासीर में बादाम खाना चाहिए या नहीं?
 

Answer : बादाम का सेवन बवासीर में आपको ज़रूर करना चाहिए, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो कि बवासीर में काफी फायदेमंद होता है इसके साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी मौजूद होते हैं, जो कि बवासीर के मस्सों के सूजन को कम करने का काम करते हैं.


Question 11 : बवासीर में अदरक खाना चाहिए या नहीं?

Answer : बवासीर के मरीज को अदरक का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि अदरक की तासीर काफी गर्म होती है, और इसका सेवन बवासीर के रोगी को और बड़ी मुसीबत में डाल सकता है.
 

Question 12 : बवासीर में गर्म पानी पीना चाहिए या नहीं?

Answer : जी हाँ आप गुनगुने पानी को ठंडा करके पी सकते हैं.


Question 13 : बवासीर में chicken खाना चाहिए या नहीं?

Answer : बवासीर के मरीजों को मांसाहारी भोजन करने के परहेज करना चाहिए क्योंकि ऐसे भोजन में कब्जियत होने का खतरा रहता है, जो कि बवासीर का मेन कारण होता है.
 

Question 14 : बवासीर में मूंगफली खाना चाहिए या नहीं?

Answer : आप बवासीर में मूंगफली खा सकते हैं, लेकिन ज्यादातर आपको कच्ची या उबली मूंगफली खानी चाहिए जो कि भुनी हुई मूंगफलियों से कई गुना फायदेमंद होती हैं.


Question 15 : बवासीर में लहसुन खाना चाहिए या नहीं?

Answer :  लहसुन का सेवन बवासीर में कर सकते है, इसका सेवन बवासीर में बिल्कुल रामबाण औसधि के रूप काम करता है, आयुर्बेद में लहसुन को एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक एंटीबायोटिक दवा के रूप में भी जाना जाता है.


डिस्क्लेमर : इस पोस्ट में दी गई सभी जानकारी घरेलू उपायों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है, इन नुस्खों को अपनाने से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें Gharelu Nuskha इसकी पुष्टि नहीं करता है

 

निष्कर्ष

इस पोस्ट में आपने जाना कि बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय क्या हैं ? जिससे कि
बवासीर का इलाज घर पर ही किया जा सके, इसके साथ ही बवासीर के लक्षण क्या होते हैं को भी जाना.

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